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समय पर काम करें

काम टालना आपको आलस्य की ओर ले जाता है। कपड़े धोने के बाद ही इस्तरी कर लें। यदि मूड पर डिपेेेेन्ड करेंगे तो ये काम कई दिनों तक लटकता रह सकता है।

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आख़िर किसे बनाएं युवा अपने जीवन का आधार

लड़कियां जब 14 से 18 वर्ष की आयु में होती हैं तो यह एक अति विशेष परिस्थितियों वाला समय होता है। हम केवल लड़कियों की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि नारी जाति को ही गृहस्थ धर्म का आधार माना जाता है

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टी.वी देखकर बच्चों को हो सकती है भयंकर बीमारियां

बच्चे टी.वी. पर हिंसा व मार-धाड़ वाले दृश्य बड़े ही चाव से देखते हैं। लेकिन उनका दिमाग़ इतना मैच्योर नहीं होता कि वे ऐसे दृश्यों को पचा पाएं।

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इन्तज़ार

कितना दर्द बर्दाश्त किया था हमने तब...मगर...मगर...क्या अब मेरे माँ-बाप यह सहन कर लेंगे कि मैं...। नहीं...नहीं...कभी नहीं...

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ज़िंदगी

मैं रसोई गैस खुली छोड़कर रसोई के दरवाज़े-खिड़कियां और बत्ती वग़ैरह सब बन्द कर दूंगी। कुछ देर के बाद शीला को कह दूंगी कि खाना-वाना बना रखे और

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सीमाएं किसने लांघी

"आधुनिक तो होना चाहिए लेकिन अपनी सीमाएं नहीं लांघनी चाहिए। तुम्हें नहीं लगता कि सोमा आधुनिक दिखने की इच्छा में सारी सीमाएं लांघ देती है।"

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उपयोगी टिप्स

अनाज व दाल, चावल को घुन से सुरक्षित रखने के लिए तेजपात के तीन-चार पत्ते डालने से उनमें घुन लगने का भय नहीं रहता है।

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जल-समाधि

क्या कहा जल-समाधि उन्हें चूल्लू भर पानी नहीं मिला क्या? इतनी बड़ी नदी को अपवित्र करेंगे। यह जल समाधि नहीं आत्महत्या है। मैं अभी पुलिस को फ़ोन करती हूं।

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रुख़सत

उसे रुख़सत करके लौटा तो आंगन के फूल हो चुके थे बदरंग हवा थी बोझिल तस्वीरें उदास

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लिखना फ़िल्मों के लिए

फ़िल्म की शूटिंग पूरे ज़ोरों पर थी। फ़िल्म का सैट एक हवालात का था। हवालात में बंद मुलज़िम (सन्नी देयोल) खून से लथपथ हुआ सलाख़ों वाले दरवाज़े की तरफ़ चलता आता हुआ चीखता है, “मुझे तो तुमने ज़िंदा छोड़ दिया है इंस्पेक्टर, पर अब मैं तुम्हें ज़िंदा नहीं छोड़ूंगा।”     “कट।” निर्देशक की आवाज़ गूंजी, “राइटर कहां है?”      लेखक काग़ज़ों का ...

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