नारी की उपलब्लियों पर ज़रा ग़ौर करें। हैदराबाद की नैना ने 8 वर्ष की आयु में दसवीं कर ली। लखनऊ की सुष्मा वर्मा ने 15 वर्ष की आयु में पी.एच डी कर ली, है न नारी का आधुनिक वंडर।
Read More »महिला समस्याएं
शादी की पाबन्दी लड़कियों पर ही क्यूं?
आधुनिक संदर्भ में युवा वर्ग यदि जात-पात की बेड़ियां तोड़ कर समाज को बदल रहे हैं तो इसकी सराहना होनी चाहिये।
Read More »अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के बीच सामंजस्य
आप फ़र्ज़ को निभाते हुए अधिकार लेने मेें संकोच न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप अपने अधिकारों के प्रति उदासीन हैं।
Read More »महिलाओं की समाज के प्रति भूमिका
सुष्मिता सेन, ऐश्वर्या राय, मनप्रीत बराड़ तो बनना चाहती हैं लेकिन मदर टेरेसा की तरह स्वयं दुःख सहन करके दूसरों को सुख दे सके, ऐसी भावना आलोप हो रही है।
Read More »कानून से नहीं होगा औरत का उत्थान
सरकार और समाज कैसे जान पाएंगे कि हमारे देश की औरत को आख़िर चाहिए क्या जब स्वंय औरत ही आज तक जान नहीं पाई कि उसे क्या चाहिए?
Read More »मी टू अभियान
मी टू अभियान का अर्थ है एक महिला की आंतरिक पीड़ा कि मेरे साथ भी किसी पुरुष ने यौन शोषण किया है। उसने उन शरीफ़ज़ादों और नेताओं का पर्दाफ़ाश किया है
Read More »बदलते दौर में नारी की स्थिति
स्त्री के इतने सफल होने के बाद, इतना आगे बढ़ जाने के बाद क्या स्त्री की स्थिति बदल गई है? इस प्रश्न का उत्तर ढूंढना शायद अभी भी हमारे लिए मुश्किल है।
Read More »घरेलू हिंसा और महिलाओं की स्थिति
नारी के बिना किसी समाज की परिकल्पना करना दुःस्वप्न मात्र है। उसे अपमानित, उपेक्षित व प्रताड़ित करना अपने पैरों पर स्वयं ही कुल्हाड़ी मारने जैसा यत्न है।
Read More »गृहलक्ष्मियां हिंसा की शिकार कब तक होती रहेंगी
भारत में शादीशुदा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दशकों में ऐसी महिलाओं की संख्या में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है, जो अपने पतियों और ससुराल वालों के ख़िलाफ़ खुलकर शिकायत कर रही हैं।
Read More »भारतीय महिला : कहां से कहां तक?
भारतीय नारी ने अब करवट तो बदली है। वह अपनी सदियों की गुलामी मिटा देना चाहती हैं। यह कसक और बेचैनी एक शुभ लक्षण हैं। आधुनिक नारी भी निर्माण की प्रक्रिया के बीच खड़ी है।
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