उम्र के बदलते दौर

युवा बेटी को दें दोस्ती का उपहार

  -विजय रानी बंसल याद कीजिए वो पल जब आपकी लाडली ने हौले से आपकी अंगुली को अपनी मुट्ठी में दबा लिया था। वो नन्हा, कोमल स्पर्श जो खुद को आश्‍वस्त-सा करता था जैसे-हां मम्मी-पापा मेरे पास हैं। आपसे बेहतर कौन है जो उसे सही-ग़लत में फ़र्क़ करना सिखाएगा, जो उसे विश्‍वास में ले उसके हित की बातें बताएगा और ...

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किशोरवय की समस्यायें

  -ज्योति खरे कहा जाता है कि किशोर मन कच्ची मिट्टी के समान होता है, इसे जिस रूप में ढालना चाहें, ढाल सकते हैं। हाईस्कूल से लेकर इंटर तक के विद्यार्थियों की अवस्था यही होती है। ढेर सारी समस्याएं इस अवस्था में पैदा होती हैं और अगर अभिभावक तथा शिक्षक विद्यार्थियों के साथ मिलकर इन समस्याओं को दूर नहीं कर ...

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उन्हें भी है आपके सहारे की ज़रूरत

  -पवन चौहान जब बच्चे छोटे होते हैं तो मां-बाप उनका हाथ पकड़कर उन्हें चलना सिखाते हैं। जब वे गिरने लगते हैं तो उन्हें सहारा देकर मां-बाप चोट से बचाते हैं। जब बच्चे को नींद नहीं आती तो उसे मां लोरियां गा कर सुलाती है। बच्चे की बीमारी में रात-रात भर जागकर मां-बाप भगवान से उसके स्वस्थ होने की कामना ...

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गर्ल फ्रैण्ड से शादी,ना बाबा ना

  -नील कमल (नीलू) आज के भारतीय युवक जब बेमायने बंदिशों व भारतीय संस्कृति के पुराने व निरर्थक विचारों को पीछे छोड़ व अपने पूर्वजों द्वारा बनाई गई कड़ी ज़ंजीरों को तोड़ कर बेख़ौफ हो खुली हवा में उड़ने के लिए प्रयत्‍नशील हैं, वहीं यह भी सोचने लायक बात है कि क्या वास्तव में वे अपनी मानसिकता को बदलने में ...

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नए कानून और वृद्धों की स्थिति

  -नरेन्द्र देवांगन जीवन का उत्तरार्द्ध ही वृद्धावस्था है। वस्तुत: वर्तमान की भाग दौड़, आपाधापी, अर्थ प्रधानता व नवीन चिंतन तथा मान्यताओं के युग में जिन अनेक विकृतियों, विसंगतियों व प्रतिकूलताओं ने जन्म लिया है, उन्हीं में से एक है युवाओं द्वारा वृद्धों की उपेक्षा। वस्तुत: वृद्धावस्था तो वैसे भी अनेक शारीरिक व्याधियों, मानसिक तनावों और अन्योन्य व्यथाओं को लेकर ...

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बुढ़ापा रोग नहीं है

  -विद्युत प्रकाश मौर्य बुढ़ापा यानी रिटायरमेंट कोई रोग नहीं बल्कि यह तो एक नई ज़िन्दगी की शुरुआत है। अगर आप नौकरी से रिटायर होने वाले हैं तो कई तरह की योजनाएं बनाइए। कुछ लोग नौकरी से रिटायर होते ही दु:खी हो जाते हैं कि अब मैं क्या करुंगा। मैं एक 74 साल के आदमी से मिला। वह एक प्रॉपर्टी ...

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समय का सदुपयोग

-लीना कपूर ‘क्या बताऊं? जब से बाबू जी रिटायर होकर घर आए हैं, हर काम में दखलअंदाज़ी करते रहते हैं।’ ‘मेरे ससुर को तो बस एक ही काम है। बिस्तर पर लेटे-लेटे हर वक़्त सिगरेट से धुएं के छल्ले उड़ाते रहना।’ ‘पिता जी, कभी बाहर भी घूम-फिर लिया करें। हर वक़्त टी.वी. के सामने बैठे रहना ठीक नहीं।’ किसी न ...

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तमाम उम्र का निचोड़ बुढ़ापा -दीप ज़ीरवी

-दीप ज़ीरवी यौवन उफनती हुई स्वच्छंद धारा। इस धारा का प्रवाह समय के साथ-साथ शनै:-शनै: मंद पड़ते-पड़ते जब ठहराव की सी स्थिति को प्राप्‍त हो जाता है उस अवस्था को बुढ़ापा कहते हैं। यौवन यदि मानव जीवन की सुनहरी रूपहली दोपहर है तो बुढ़ापा शांत नीर व संध्या बेला। यह शाश्‍वत सत्य है कि दोपहर चाहे जितनी लम्बी, सुनहरी, रूपहली ...

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