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महत्वाकांक्षा का पलड़ा ममता पर भारी क्यूं?

 -विजय रानी बंसल प्राचीन काल में महिलाएं केवल घर की चारदीवारी तक ही सीमित थी। घर-गृहस्थी सँभालना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य था। परन्तु वक़्त के साथ-साथ विचारधाराएँ बदलीं, मान्यताएं बदलीं। महिलाएं घर की चारदीवारी से निकल कर बाहर की दुनियां में आयीं और उन्हें मिला शिक्षा, आज़ादी और कुछ कर दिखाने वाली सम्भावनाओं का विस्तृत आकाश। इसमें सबसे ...

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अपने अपने दुःख

मैं भी उस बहती नदी के तट पर आकर उनकी पीड़ा में शामिल हो जाना चाहता हूँ परन्तु जैसे ही उन्हें मेरे पुरुष होने का एहसास होता है वे अपनी पीड़ा अपने भीतर छुपा लेतीं हैं

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