“‘एक नज़र’ की एक डांस सीक्वेंस में मैं बेहद अटपटी दिखी हूँ, लेकिन अमिताभ ने वो देखकर भी मेरा मज़ाक नहीं उड़ाया।
Read More »December 14, 2015 Leave a comment
“‘एक नज़र’ की एक डांस सीक्वेंस में मैं बेहद अटपटी दिखी हूँ, लेकिन अमिताभ ने वो देखकर भी मेरा मज़ाक नहीं उड़ाया।
Read More »December 14, 2015 2 Comments
December 14, 2015 Leave a comment
-दीप ज़ीरवी घ + र = घर। मात्र शब्द जोड़ नहीं है घर। मकान बनाने में, कोठी-बंगला बनाने में तो मात्र कुछ माह अथवा कुछ बरस लगते हैं। घर बनाने में पुश्तें लग जाती हैं। स्नेह + सामंजस्य + संस्कार = संस्कृति, संस्कृति + संस्कारित सदस्य = घर परिवार। इनमें से एक भी तत्त्व के अभाव में घर अपूर्ण है अर्थहीन है। घर पीढ़ी दर ...
Read More »December 10, 2015 Leave a comment
-धर्मपाल साहिल किताबें इन्सान की सब से अच्छी दोस्त होती हैं। जब आपके साथ कोई न हो तब एक अच्छी किताब आपका बसा-बसाया संसार सिद्ध होती है। दुनियां भर का समस्त इतिहास, संस्कृति, दर्शन, यहां तक कि हर क़िस्म का ज्ञान किताबों में संरक्षित और सुरक्षित है तथा किताबों द्वारा ही पुरानी पीढ़ी से नयी पीढ़ी तक पहुंच रहा ...
Read More »December 10, 2015 Leave a comment
-गोपाल शर्मा फ़िरोजपुरी घर समाज की प्रथम इकाई है। घरों से मुहल्ला, मुहल्लों से गांव और गांवों से शहरों और नगरों का निर्माण होता है। घर एक ऐसा सुन्दर स्थान होता है जहां मनुष्य स्वयं को सुखद और आनंदित अनुभव करता है। मनुष्य ही नहीं अपितु जीव-जंतु, पशु-पक्षी भी अपने-अपने घरों और घौंसलों में स्वयं को सुरक्षित मानते हैं। एक घर ...
Read More »December 8, 2015 Leave a comment
-डॉ. सन्त कुमार टण्डन रसिक प्रेम-विवाह हो, अरेंज्ड मैरेज हो, अकसर शादी के बाद विच्छेद भले न हो, पर मिठास कम हो जाती है, कड़वाहट भरने लगती है। इससे यही साबित होता है कि शादी के पूर्व और बाद में भी मैरेज काउंसिलिंग की ज़रूरत होती है। इससे विवाह अच्छे और सफल होते हैं, बिगड़ी बातें बन जाती हैं, संबंध ...
Read More »December 8, 2015 Leave a comment
विवाह जीवन का एक ऐसा अटल मोड़ है जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में देर या सवेर आकर रहता है। वैवाहिक बन्धन में बन्धने से पूर्व सगाई की रस्म निभाई जाती है। सगाई से लेकर विवाह तक का अन्तराल एक ऐसा नाज़ुक दौर है जिस पर वैवाहिक जीवन की क़ामयाबी या नाक़ामयाबी टिकी होती है। सगाई की रस्म के साथ ...
Read More »December 7, 2015 1 Comment
दुनियां के सभी रिश्तों से सर्वोपरि माना जाने वाला रिश्ता है पति-पत्नी का रिश्ता। पति-पत्नी का रिश्ता इतना महत्वपूर्ण होता है कि दोनों अपने इष्ट देव को साक्षी मान कर जीवन भर साथ निभाने का वायदा करते हैं। जब एक लड़की दुलहन बन कर पति के घर में आती है तो वहां का सब कुछ उसके लिए नया और अनजाना होता ...
Read More »December 5, 2015 Leave a comment
-सरिता सैनी करीब 15 वर्ष पहले मेरी माता जी का देहांत हो गया और उसके बाद 5 वर्ष पहले मेरी नवजात बेटी का देहांत हुआ। दोनों ही क्षण बेहद दु:खदायी थे। मानों, एक पल में ही संसार ख़त्म हो गया हो। इन दु:खों का सामना करने के लिए मैं मानसिक तौर पर कदापि तैयार नहीं थी। दोनों ही क्षण अचानक ...
Read More »November 27, 2015 Leave a comment
“रवि, तुम्हारा जो भी मेरे पास था मैं गंवाना नहीं चाहती थी, अब तुम सब नये सिरे से भी तो बना सकते हो।”
Read More »