सिमरन

सानिया मिर्ज़ा पराइड ऑफ़ द नेशन

सानिया को लोकप्रिय बनाने में मीडिया का भरपूर हाथ रहा है। जहां उसके लिए मीडिया अच्छा साबित हुआ वहीं समय-समय पर कई विवादों को भी मीडिया ने खूब उछाला। सानिया मीडिया के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि मीडिया का उसके साथ लव-हेट रिलेशनशिप रहा है।

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संवेदनशील एक्ट्रेस और बेबाक व्यक्तित्व- कंगना राणावत

कंगना को स्पष्टवादिता के बारे में जाना जाता है। बेबाकी से अपनी हर बात को रख पाने में मशहूर कंगना हमेशा विवादों में घिरी रहती है। वो अपनी शर्तों पे जीती है और विवादों से प्रभावित नहीं होती। जब हर सवाल का सटीक जवाब देती है तो बहुत परिपक्व नज़र आती है।

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फ़िल्मी सितारों की ज़िन्दगी में ताक झांक

-सिमरन यूं तो मनोरंजन मीडिया का अहम हिस्सा है इस में कोई दो राय नहीं। लेकिन आज बाज़ारवाद के युग में मनोरंजन सर्वोपरि हो गया है। आज तो हर चीज़ पेश करते समय प्रतिस्पर्द्धा को ध्यान में रखा जाता है। जैसे ही न्यूज़ चैनल्ज़ का ज़माना आया समाचारों का रूप ही बदल गया। हर समाचार को मनोरंजक तरीक़े से पेश ...

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जाट आरक्षण का विरोध क्यों

-सिमरन जाट आरक्षण के लिए आंदोलन के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से उसका विरोध हुआ उससे कई बातें मन में उठीं। आख़िर जाट आरक्षण का विरोध इस तरीक़े से क्यूं किया गया। यह जाट आरक्षण का विरोध है:- यहां पहले मैं यह बात स्पष्ट करना चाहती हूं कि जिस प्रकार उग्र तरीक़े से आजकल आरक्षण का विरोध हुआ ...

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नई परवाज़

कुछ उलझनें हैं दिल में कुछ अरमां भी पल रहे हैं चंचल जो हुई हवाएं कुछ हम भी बदल रहे हैं बदलावों को ज़िन्‍दगी में हम जगह दे रहे हैं

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ये ज़िंदगी के रास्ते

‘तंग राहें तपती रेत नंगे पांवों में छाले’ यूं भी रास्तेे काटे जाते हैं। ये ज़िंदगी के रास्ते सब के लिए अलग-अलग रंग लिए होते हैं। किसी को तो ये एक इम्तिहान जैसे मिलते हैं और किसी को इबादत जैसे। किसी के रास्ते मुहब्बत के कारवां से भरे-पूरे होते हैं तो किसी के रुसवाई जैसे। कहीं प्रेम, प्यार सदभावना से ...

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चुनौतियां

किसी भी देश के विकास के लिए, समृ‍द्धि के लिए आवश्यकता होती है श्रम की, आवश्यकता होती है संघर्ष की। यही तो ज़िंदगी का सार है। ज़िंदगी का अर्थ, ज़िंदगी की शकल सब के लिए अलग होती है। ज़िंदगी चाहे बोलती नहीं पर हालातों द्वारा खुद को बयां करती है। ज़िंदगी कैसी भी हो, किसी की भी हो संघर्ष मांगती ...

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सत्यम् शिवम् सुन्दरम्

परम पिता परमात्‍मा ने जब इस लोक को बनाने का तसव्वुर किया तो हर यत्न, हर प्रयत्न से एक खूबसूरत जहां बना डाला। बेशक वो अपने रचना कौशल पर गौरवान्वित हुए बिना न रह पाया होगा। कहते हैं भगवान् को अपनी बनाई दुनिया से बेहद प्रेम है। किसी भी रचयिता को अपनी खूबसूरत रचना को देखकर वैसी ही अनुपम आनंद ...

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ख़ाबों की तसवीर

जो रात को सोते में देखते हो तुम, उन सपनों के कोई मायने ही नहीं होते। सपने तो दरअसल वो होते हैं जो सोने नहीं देते तुमको। सभी के सपने सच नहीं होते पर फिर भी सभी सपने सजाते तो ज़रूर हैं। अपनी हसरतों के, अपनी आकांक्षाओं के, अपनी मुरादों के सपने। यह सपने ही तो हैं जो जीने की ...

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