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बेटी जब बड़ी होने लगे

बेटियां आजकल यौन-उत्पीड़न के ख़तरे तले बड़ी होती हैं। ये ख़तरे अक्सर घर परिवार या जान-पहचान वालों की तरफ़ से आते हैं। माएं अपनी बेटियों को इनसे आगाह करके रखें, तो बहुत सारी समस्याएं तो पैदा नहीं होंगी।

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आज की बहू कभी सास भी तो होगी

अब देखिए न, खूसट (?) सास को इतना तजुर्बा हो तो हो पर वो बातें कहां मालूम जो पढ़ी-लिखी (!!) बहू को मालूम हैं। ये किट्टी पार्टियां, ये सिनेमा, शॉपिंग ज़रूरी (!) हैं। ऐसे में बूढ़ों की देखभाल की सिरदर्दी कौन झेले, ये ननद के नखरे, देवरों की अकड़ कौन झेले।

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जब जाएं मरीज़ का हाल पूछने

यह ठीक है कि आपसे अपने परिचित का दुःख देखकर रुका नहीं जाता और आप उसका हाल जानने व उसके शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ देने की ग़रज़ से उसे देखने अस्पताल चले जाते हैं। पर इसका यह मतलब कत्तई नहीं है कि आप उसे मानसिक कष्ट पहुंचाएं।

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नेता जी

नेता जी दे रहे थे भाषण पर भाषण तभी भीड़ में से एक व्यक्ति उठ बोला प्रभु! भाषण ही सुनाओगे, या राशन भी दिलवाओगे?

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कन्या भ्रूण हत्या

मानव सभ्यता और संस्कृति में लड़कियां हज़ारों वर्ष आगे हैं। यही कारण है कि हम लड़की को देवी कहते हैं, लड़के को देवता नहीं कहते। परंतु अफ़सोस की बात तो यह है कि इतना सब जानते हुए भी कन्या भ्रूण हत्या क्यों?

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साहबे भक्ति कलियुगे

'कमाल है यार, बड़े कम दिमाग़ के हो। वे दफ़्तर के साहब हैं, चपरासी नहीं। साहब का दुःख सभी का होना चाहिए। साहब बीमार तो क़ायदे से पूरा दफ़्तर बीमार होना चाहिए। साहब परेशान तो क़ायदे से पूरा दफ़्तर परेशान दिखना चाहिए। साहब छुट्टी तो...'

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नई पीढ़ी में भटकाव इंटरनेट अश्लीलता

ई-मेल और फी-मेल के इर्द-गिर्द बुना हुआ इंटरनेट का यह माया जाल बड़ी तेज़ी से हमारे युवाओं और बच्चों को अपने शिकंजे में जकड़ रहा है। इसलिए ज़रूरी है कि हम इस बात का पता लगाएं कि कहीं हमारे बच्चे तो इस राह पर नहीं चल पड़े।

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कवि और क़लम

बारुद के ढेर पर बैठी दुनियां इनको समझा कवि नफ़रतें सब धुल जाएं प्रेम गीत सुना कवि जंग की तैयारी में बन रहे हथियार नये-नये जंग से हथियार छुड़ा, सौहार्द पकड़ा कवि क्यूं अधीर हुए बैठी है युद्ध के लिए दुनियां दास्तां बर्बादियों की इसको सुना कवि

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सानिया मिर्ज़ा पराइड ऑफ़ द नेशन

सानिया को लोकप्रिय बनाने में मीडिया का भरपूर हाथ रहा है। जहां उसके लिए मीडिया अच्छा साबित हुआ वहीं समय-समय पर कई विवादों को भी मीडिया ने खूब उछाला। सानिया मीडिया के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि मीडिया का उसके साथ लव-हेट रिलेशनशिप रहा है।

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क्यों करें योग

सभी बीमारियों का एक मूल कारण है- मानसिक अशान्ति और इस अशान्ति से छुटकारा पाने की एक ही विद्या है। वह है- योग। योग का महत्त्व हमारे वर्तमान युग में क्या है? इस सवाल का उत्तर जानने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि योग क्या है?

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