साहित्य सागर

यह दुनिया एक सर्कस है

-प्रो. शामलाल कौशल अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक शेक्सपीयर ने अपने एक नाटक ‘As you like it’ में यह कहा है कि यह दुनिया एक रंगमंच है जहां सभी लोग बचपन से मृत्यु तक अपना अपना रोल प्ले करके चले जाते हैं। लेकिन प्रसिद्ध अभिनेता राजकपूर ने अपनी एक फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में एक गाने में कहा है कि “यह ...

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त्याग

-विनोद ध्रब्याल ‘राही’ पूरा हॉल ठहाकों से गूंज रहा था। करीब दो महीने बाद वर्मा और खन्ना परिवार इक्ट्ठे हुए थे। “मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हम दोनों समधि बन जाएंगे। राजीव और काजल की सगाई ने हमारी बचपन की दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दिया।” राजीव के पिता खन्ना जी बोले। “सच कह रहा हूँ, मुझसे ...

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महिलाओं का प्रवेश वर्जित है

‘माते! हूं तो उल्लू, पर मेरी बात मानो और पांच सात सौ दे इनसे पीछा छुड़वा लो । यमराज से बचा जा सकता है पर इनसे नहीं । ड्यूटी टाइम में तो ये अपने बापू को भी नहीं बख्शते,

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तकिया क़लाम

                                                                                                                        ...

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अपने अपने दुःख

मैं भी उस बहती नदी के तट पर आकर उनकी पीड़ा में शामिल हो जाना चाहता हूँ परन्तु जैसे ही उन्हें मेरे पुरुष होने का एहसास होता है वे अपनी पीड़ा अपने भीतर छुपा लेतीं हैं

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