द्रौपदी के बदले हुए तेवरों में ललकार थी, चुनौती थी, एक भयंकर गर्जना थी जो सिंहनी की भांति गर्ज उठी, “वह अपने बालों को गांठ नहीं लगायेगी
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क़लम की व्यथा कलम की ज़ुबानी
मैं कल तक इसी मनुष्य की उंगलियों की गु़लाम थी। इसी के ईशारों पर नाचती रही। अतः जैसा यह नचाता रहा, वैसे मैं नाचती रही।
Read More »गणेश न मिले रे पूजन को गणेश
‘गणेश जी। आप यहाँ। मैं आप को मारा-मारा फिरता हुआ कहाँ-कहाँ नहीं ढूँढ रहा था। कम से कम मन्दिर में तो रहा करो नाथ।‘मन्दिर में? तुम रहने दो तब न।’
Read More »हक़ीक़त तलाशते स्वप्न
घर में आज क़ोहराम मचा हुआ था। रौशनी घर से भाग चुकी थी। अब रेखा को रौशनी की पिछले कल बताई गई हर बात का मतलब समझ आ चुका था।
Read More »यूं बेवजह उदास क्यूं!
उदासी दूर करने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने वर्तमान हालातों में फेर-बदल करें। परिवर्तन ज़िंदगी का नियम है। ज़िंदगी के ख़ास तरीक़े में चलते-चलते हम थक जाते हैं
Read More »नयी जन्मी बच्ची के नाम
खुशामदीद! ए नन्हीं बच्ची तेरी आमद ने मेरे मन को जहां तृप्त किया है वहां बहुत कुछ सोचने के लिए
Read More »मौसमौं में घुल गई शैतानियां
रात को थोड़ी-सी देकर रौशनी चांद ने कर ली हैं ऊंची हस्तियां जानता हूं मैं इन्हें अच्छी तरह डूब कर उभरी हैं यह सब कश्तियां
Read More »शिमला मिर्च के पकौड़े
आइए बनायें शिमला मिर्च के पकोड़े | बच्चे से लेकर बड़े सभी पकौड़े खाना पसंद करते हैं। किसी भी मेहमान के आने पर पेश कर सकती है और आनंद ले सकते हैं।
Read More »समुद्र के ओर की खिड़की
मैंने तो उसे साफ़ कह दिया था बाक़ी जो मर्ज़ीं करता रह। यह मेरा पेशा है परन्तु मेरे होंठों पर केवल एक का ही अधिकार है। होंठों को अमर के बिना और कोई नहीं छू सकता।
Read More »ड्रग फ़ीवर एंटीबायोटिक का अधिक सेवन
जीवाणु-संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक दवाइयां नहीं लेने पर संक्रमण पूरे शरीर में फैलकर ‘सेप्टीसिमियां’ का रूप ले सकता है, जिससे गुर्दे एवं अन्य महत्वपूर्ण अंग ख़राब हो सकते हैं।
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