-सिमरन प्रत्यूषा की मौत … एक मासूम खिलखिलाहट का मौन हो जाना … यह महज़ एक ख़बर न थी। यह एक सदमा था तमाम लोगों के लिए। प्रत्यूषा यानी आनंदी यह वो नाम था जिसने हर दिल में अपनी एक अलग जगह बना रखी थी। एक वक़्त था जब वो हर घर का सदस्य हो गई थी। सभी की दुलारी ...
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ब्रह्मलोक का आधुनिकीकरण
– दविन्द्र कालिया करोड़ों साल बाद तपस्या में लीन जब ब्रह्मा ने आंखें खोलीं तो सबसे पहले उनकी नज़र रिमिक्स धुन बजा रही सरस्वती पर पड़ी। ऐसी धुन उन्होंने पहले कभी नहीं सुनी थी। अपना आश्चर्य दूर करने के लिए ब्रह्मा जी ने सरस्वती से पूछा। ‘ये कौन-सी धुन बजा रही हो देवी?’ ‘आप जाग गए प्रभु।’ तभी सरस्वती ने ...
Read More »किया किसी ने याद
परिवर्तन
-सुमन यादव बचाओ, बचाओ की गूंज सुनाई पड़ रही थी। एक युवक खून से लथपथ था। चन्द जनों ने उसे उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। एक सज्जन ने पुलिस अधिकारी को फ़ोन पर दुर्घटना की जानकारी क्या दी कि अधिकारी ने कड़क कर कहा- ‘ठीक है, ठीक है। तुम उसे अस्पताल पहुंचा दो। अभी मैं पार्टी में हूं। दो घंटों में ...
Read More »आज की खुद्दार औरत
क़ब्र
नये सम्बोधन
दोस्ती के कमल फूल
उस दिन अकेलापन निर्धनता की तरह हावी हो गया था। अजनबी चेहरों की भीड़ में अकेलेपन ने अभी आत्मघात नहीं किया था, जब मैंने अपनी ओर घूरती हुई आंखों को देखा। चाल ढाल से उसके फ़ौजी होने का अनुमान मैंने लगा लिया था। उसके नक़्श अवचेतन मन के किसी कोने में दिखाई दिए, इससे पूर्व कि व्यतीत के पानी ...
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