समाज और समस्याएं

जीवन की कहानी बूंद-बूंद पानी

प्रकृति की रचना कितनी अजीब है कि हमारी धरती तीन ओर से पानी में घिरी है मगर फिर भी प्यासी की प्यासी है। मनुष्य, जीव-जन्तुओं और वनस्पति को जीवित रहने के लिए पानी की अति आवश्यकता है। जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में पानी की अहम भूमिका है।

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ख़तरनाक साबित हो सकता है शर्मीलापन

-आकाश पाठक हमारी संस्कृति में शर्मीलापन विरासत में मिलता है यह कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। युवतियों में प्रायः शर्मीलापन अधिक होता है और इस क़दर समाया होता है कि यह उनकी ज़ंजीर बन जाती है। यह सही है कि शर्म नारी का गहना माना जाता है मगर यह भी उतना ही सही है कि आभूषण हर समय नहीं ...

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हिजड़ों की ज़िंदगी क्या हम हक़ीक़त से वाकिफ़ हैं?

-मीनू संदल विभिन्न ट्रेनों में, बस अड्डों पर और आपके घर में भी जब किसी शिशु का जन्म होता है, तालियां बजाते कुछ लोग आपके पास आते हैं, नाचते हैं, गाते हैं और इसके एवज़ में ढेर सारी शुभकामनाएं देकर पैसों की मांग करते हैं। आपने कम पैसे दिए नहीं कि इनका ‘रिकॉर्ड’ चालू हुआ। अश्लील हरकत और गंदी गालियां ...

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सपनों का राजकुमार

-बलबीर बाली जब सपना से उसके सपने के बारे में पूछा गया तो मुंह पर हाथ धर कर वो ऐसे दौड़ी जैसे पी.टी. उषा 100 मीटर की दौड़ दौड़ती है। हम यह सोचने लग पड़े कि आख़िर हमने ऐसा क्या पूछ लिया। जब हमने इस उलझन को अपनी मां से पूछा तो वह हंसने लगी और कहने लगी, बेटा.. वो ...

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बेरोज़गारी के दिनों में निराश न हों

-माधवी रंजना आजकल जब कि रोज़गार की ज़्यादातर संभावनाए निजी क्षेत्रों में हैं। अक्सर लोगों को बेरोज़गारी का वक़्त देखना पड़ता है। एक वक़्त तो ऐसा होता है जबकि पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद रोज़गार की तलाश में होते हैं। वहीं जीवन में कई ऐसे मोड़ आते हैं जबकि एक नौकरी छूट जाने के बाद दूसरी नौकरी की तलाश करनी ...

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बिन फेरे हम तेरे कब तक रहेंगे

-धर्मपाल साहिल भारत एक समृद्ध एवं सुसंस्कृत परम्पराओं वाला देश है, जिस कारण विश्व भर में भारत की एक विलक्षण पहचान बनी है। इन्हीं परम्पराओं में एक है विवाह परम्परा। प्रजातियों की निरन्तरता एवं अनुवांशिक विकास हेतु समाज शास्त्रियों ने परिवार गठन के कुछ नियम गढ़े और सदियों से हमारा समाज इस परम्परा का पालन करता आ रहा है। आरम्भिक काल ...

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जाट आरक्षण का विरोध क्यों

-सिमरन जाट आरक्षण के लिए आंदोलन के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से उसका विरोध हुआ उससे कई बातें मन में उठीं। आख़िर जाट आरक्षण का विरोध इस तरीक़े से क्यूं किया गया। यह जाट आरक्षण का विरोध है:- यहां पहले मैं यह बात स्पष्ट करना चाहती हूं कि जिस प्रकार उग्र तरीक़े से आजकल आरक्षण का विरोध हुआ ...

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बापू की हत्या 30 जनवरी 1948 को नहीं हुई थी

– दीप ज़ीरवी मोहन दास कर्मचन्द गांधी व गुजरात, गुजरात व भारत एक दूसरे से भिन्न नहीं है यह शाश्वत सत्य है, जैसे यह सत्य है वैसे ही यह भी सत्य है कि बापू की हत्या 30 जनवरी 1948 को नहीं हुई थी। ! ! ! आश्चर्य मत कीजिए। किसी भी व्यक्ति को मारने के लिए केवल उसका देहांत ही ...

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सोने का अंदाज़ कैसा है जनाब

-संदीप कपूर कभी औंधे, कभी चित्त तो कभी करवट लेकर सोते समय हम भले ही सब कुछ भूल जाते हैं लेकिन हमारे सोने का हर ढंग दूसरों को हमारे बारे में सब कुछ बता सकता है। यक़ीन नहीं आता न? लेकिन यह सच है कि वैज्ञानिकों ने सोने की हर मुद्रा पर व्यक्तित्व का खुलासा कर डाला है। आइए हम ...

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मिस काल को न करें मिस

-माधवी रंजना अगर आपके पास मोबाइल है तो मिस काॅल भी आते होंगे। कई बार आप काॅल बैक करते हैं तो कई बार इग्नोर कर देते हैं। काॅल बैक करना या अटेंड करना इस बात पर निर्भर करता है कि काॅल किस व्यक्‍त‍ि का है। जो भी हो इस मिस काॅल की सुविधा ने मिस की ज़िंदगी में बहार ला ...

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