लघुकथा

26 जनवरी

–शबनम शर्मा आज नया साल चढ़ा है। अभिमन्यु को गये पूरे तीन साल हो गये। वीरां हर रोज़ घर का सारा काम निपटाकर बाहर आंगन में बैठ जाती। जैसे ही उसे कोई साइकिल की घंटी बजती सुनाई देती, उचक कर देखती। डाकिये के आने का समय है। सरकार ने अभिमन्यु को वीर चक्र देने की घोषणा की थी। पूरा सप्ताह ...

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परिवर्तन

-सुमन यादव बचाओ, बचाओ की गूंज सुनाई पड़ रही थी। एक युवक खून से लथपथ था। चन्द जनों ने उसे उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। एक सज्जन ने पुलिस अधिकारी को फ़ोन पर दुर्घटना की जानकारी क्या दी कि अधिकारी ने कड़क कर कहा- ‘ठीक है, ठीक है। तुम उसे अस्पताल पहुंचा दो। अभी मैं पार्टी में हूं। दो घंटों में ...

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ससुराल

शादी के बाद पहली बार रीना घर रहने आई। बड़ी मुश्किल से दस दिन रहने की अनुमति मिली थी। घर पहुँचते ही उसकी निगाहें माँ के कमरे, घर के कोने-कोने पर घूमने लगी। मैं हैरान थी ऐसा क्यूँ? कुछ देर बैठकर उसने मेरे कमरे का कोना-कोना झाड़ दिया। परदे निकाल कर दूसरे बदल दिये। हर चीज़ साफ़ कर दी। मुझे ...

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वह युवक

-शबनम शर्मा हम पिछले सप्‍ताह ट्रेन में सफ़र कर रहे थे, हमें नीचे की 2 सीटें मिली थी और सामने वाली में एक छोटा सा परिवार बैठा था। पति-पत्‍नी और नन्हीं सी बालिका। देहरादून से गया तक वो भी हमारे हमसफ़र थे। बच्ची 2-2½ साल की थीे। कभी अपनी वाली खिड़की में तो कभी मेरे वाली। जिस तरफ़ भी प्लेटफार्म ...

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क्रूरता

-बिमला नेगी स्कूल के प्रांगण में मंदिर है या मंदिर के प्रांगण में स्कूल मैं नहीं जानती। हाँ इसी स्कूल के होस्टल में मैं रहती हूँ। और मंदिर के पास एक कुत्ते-कुत्तिया का जोड़ा रहता है। सुबह-सवेरे कुत्तिया मार्ग के बीचों-बीच बैठकर मानो आने-जाने वाले की हाज़िरी भरा करती है। प्रतिदिन सुबह 4 बजे मन्दिर की ध्वनि बज उठती तब ...

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मनचले

 – मनोज चौहान लॉन्ग रूट की बस सर्पीली पहाड़ी सड़क से गुज़र रही थी। कंडक्टर की सीटी के साथ ही बस सवारियों को चढ़ाने के लिए एकाएक रुकी। अन्य सवारियों के साथ दो किशोरियां भी बस में चढ़ी। दो मनचले लड़के भी उनका पीछा करते बस में चढ़ गए थे। बस की सभी सीटों पर सवारियां बैठी थी, इसीलिए दोनों ...

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भूख

                                                           -डॉ.रामनिवास ‘मानव’ वह आदमी है या जीवित पहेली, कहना मुश्किल है औरों की तो बात छोड़िये, पूरे पांच साल सिर खपाने के बाद, पत्‍नी भी उसके स्वभाव को समझ नहीं पाई। ...

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पत्‍नी का भविष्‍य

-डॉ. रामनिवास ‘मानव’ पति ने नववर्ष पर ‘हिन्दुस्तान’ में अपना वार्षिक भविष्य-फल देखने के बाद पत्‍नी से पूछा – ‘‘तुम्हारी राशि क्या है ?” “तुला, क्यों ?” “तुम्हारा वार्षिक भविष्य देखना है।” “मुझे बिना देखे ही पता है।” “कैसे ?” “इस में कैसे की क्या बात है! शादी के बाद पिछले दस वर्ष जैसे बीते हैं, वैसे ही बीतेगा यह ...

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