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आज के बच्चों को स्वतन्त्रता

अगर यूं कहा जाये कि बच्चों की स्वतंत्रता पूरी तरह उनके हित की या समाज और देश हितकारी है तो सरासर ग़लत होगा, क्योंकि अकेले फूल शायद ही कभी मिले हों कांटे भी साथ होते ही हैं।

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सहनशक्ति

उसने माहौल को विनोदपूर्ण बनाने और घायलों की हौसला-अफ़ज़ाई करने के लिए हंसते हुए कहा, ‘दोस्तो! नक़ली टांग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस पर चोट लगने का एहसास नहीं होता।’

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अधूरी ग़ज़ल

खाबों के हंसी ताजमहल बनाए किसने थे, ज़र्द पत्ते गिरे डाली से उठाए किसने थे। किसने भरी थी हामी निगाहे-बेक़रार की, ठोकर पसंद थी किसे पुरसुकून प्यार की।

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गृहलक्ष्मियां हिंसा की शिकार कब तक होती रहेंगी

भारत में शादीशुदा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दशकों में ऐसी महिलाओं की संख्या में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है, जो अपने पतियों और ससुराल वालों के ख़िलाफ़ खुलकर शिकायत कर रही हैं।

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सुंदरता या ग्लैमर बदले मायने

कई बुद्धिजीवियों का मानना है सौंदर्य का क्षेत्र इतना संकुचित नहीं। यदि महिला देखने में सुंदर है किन्तु पढ़ी-लिखी न हो तो वह सुंदरता फीकी पड़ जाती है। सुंदरता तो देश-प्रदेश के साथ अपनी परिभाषा बदलती रहती है।

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बदल गए हैं सौंदर्य के मायने

सौंदर्य अपने आप में एक कला है, जिसको आजतक कवियों, लेखकों, बुद्धि-जीवियों, प्रेमियों इत्यादि ने अपने-अपने तरीक़े से देखा और परखा है। कहते हैं सौंदर्य, देखने वाले की आंखों में होता है।

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मौसम के अनुसार लगाएं उबटन

प्राचीनकाल से चली आ रही उबटन परम्परा आज भी चलन में है। आदिकाल में महारानियां अपनी दासियों से उबटन लगवाकर, कमनीय बनने का प्रयोग करती थीं। उबटन से त्वचा में लचक व आकर्षण बना रहता है।

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काल्पनिक नज़रें

मैं उसी सेल्ज़गर्ल के बारे में सोच रहा था, ज़्यादा उम्र नहीं थी उसकी, गज़ब की सुन्दर थी वह। दोस्तों की क्या मैंने स्वयं अपनी नज़रों को उसके शरीर पर थिरकते महसूस किया था। वह कभी-कभी हमें रंगे हाथों पकड़ लेती तो ‘झेंप’ जाती।

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गुम है लोक विरसा लड़कियों की किकली

गिद्धा और भंगड़े की तरह किकली भी पंजाब का प्रसिद्ध लोक नृत्य था। परन्तु आधुनिक समय में यह लोक नृत्य कहीं दिखाई नहीं देता। लड़कियां बड़े उत्साह के साथ शाम के समय इस लोक नृत्य का आनंद मानती थी।

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प्लाज़ो इन फै़शन

आज के समय में मार्किट में प्लाज़ो की बहुत डिमांड है। यह भी फै़शन का ही एक छोटा सा हिस्सा है। हर कोई चाहता है ऐसे कपड़े पहनना जो इस सीज़न में न केवल हमें स्टाइलिश रखें बल्कि कम्फ़र्टेबल भी हों।

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