धर्म एवं संस्कृति

पंजाब की समस्याएं

पंजाब सारे भारत के प्रान्तों में सर्वोपरि था। इसके बाग़-बग़ीचों में बहारें थी। फल और सब्ज़ियों का भण्डार था। पंजाब की मिट्टी उपजाऊ होने के कारण यह भारत का सरताज कहलाता था।

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ज़िन्दगी क्या है?

इस ब्राह्मांड में तीन लोक हैं, पृथ्वी लोक, जिस पर हम रह रहे हैं। स्वर्ग लोक, देव लोक, पाताल लोक। इन के परमात्मा ने अलग-अलग स्वामी नियत किये हैं।

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मज़ेे लूटो बरसात के

इन राड़ों को चित्रते हुए लड़कियां गीत भी गाती हैं- उड़ मर, कूंजड़ीए अड़ीए नी सौण आया। उत्तर में भी अपने आप ही गाती हैं - किवें उड़ां नी मड़ीए देस पराया।

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होली

श्री कृष्ण राधा जी से हार मान लेते हैं, इसके बाद उनका मधुर मिलन होता है। इसी आख्यान की कड़ी है लट्ठमार होली!

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मत हो ए दिल उदास

ग़ुुस्से में उठाया गया हर क़दम अधिकतर ग़लत ही साबित होता है। वो कहते है न ‘एक ग़लत क़दम उठा था राहे शौक़ में, मंज़िल तमाम उम्र हमें ढूंढती रही।’

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रावण खुश हुआ मित्र

‘बस एक ही! देश की तरह रावण बनाने वाले भी जल्दी में थे क्या? आग लगे ऐसी जल्दी को जो, नाश का सत्यानाश करके रख दें।’ ‘महाशय आप तो दशानन थे न? फिर अब के.....’

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