यदि पर्यावरण की उपेक्षा यूं ही जारी रही तो एक दिन ऐसा आयेगा जब पहाड़ वासियों को गर्मी से निजात पाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करना पड़ेगा। सोचिए क्या मौसम का ऐसा वीभत्स रूप हमें स्वीकार्य होगा?
Read More »Writers
बच्चों के कपड़े कैसे हों?
ख़रीदारी करते समय अक्सर लोग इस बात को अनदेखा कर देते हैं कि क्या ये पोशाकें सुरक्षित हैं भी या नहीं? छोटे बच्चों के लिए तो इस बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है। छोटे बच्चे अक्सर मुंह में कपड़ा डालते हैं।
Read More »अजन्मी बच्ची
नाम? अनाम उम्र? तीन मास तीस साल? नहीं तीन माह कद?
Read More »गीत
राहें मुहब्बत भी कैसा सफ़र है दूर है मंज़िल बहकी डगर है क़ुदरत ने पहले हमको मिलाया क़िस्मत ने ऐसा खेल खिलाया अपना पता है न तेरी ख़बर है राहें मुहब्बत भी कैसा सफ़र है
Read More »बचपन यह प्यारा किधर जा रहा है
जागती आंखों में सदैव स्वप्न पला करते हैं। बालपन किसी भी समाज की नींव रहा है आज के दौर का अवलोकन करें तो बुद्धि विस्मित रह जाती है कि यह सब क्या हो रहा है।
Read More »काश! आप हमारे होते..
चांद मुट्ठी में, क़दमों में सितारे होते इस ज़मीं पर जन्नत के नज़ारे होते काश! आप हमारे होते उगता सूरज ड्योढ़ी पर राही अन्धेरों से हारे न होते
Read More »मैं जानती हूं तुम्हारा यथार्थ
सुहा मुझे ऐसी लड़की चाहिए जो खुले विचारों वाली हो, बोलने में, खाने-पीने और पहनने-ओढ़ने में भी। स्पष्ट बोले चाहे किसी की कोई भी बात हो।
Read More »गारंटी
मां-बाप की सारी ज़िंदगी इस विश्वास के सहारे कट जाती है कि बेटा बड़ा होकर उनकी सेवा करेगा। क्या इस विश्वास की डोर इतनी कच्ची होती है कि मां-बाप को दो वक़्त की रोटी के लिए बेटों को लालच देना पड़े?
Read More »सिर दर्द से बचें
महानगरों में ख़ासकर लोगों में सिर दर्द का रोग बढ़ता जा रहा है। क्या है वास्तव में इस बढ़ते सिर दर्द का कारण। इसके लिए सबसे पहले तो महानगरों में तेज़ी से बढ़ता प्रदूषण ज़िम्मेवार है।
Read More »मज़दूरी करने को मजबूर मासूम
सिर्फ़ क़ाग़जों तक ही सीमित है बाल मज़दूरी ख़त्म करने का प्रयास। बाल म़जदूरी ख़त्म करने का सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सरकारी विज्ञापनों द्वारा बाल म़जदूरी को रोकने व बच्चों को उच्च शिक्षा देने की बात बार-बार दोहराई जाती है।
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