ना हुई कोई आहट ना नज़र कोई आया क्यों लगा जैसे किसी ने बुलाया... यादों के बगीचे में कुछ पत्तियां सरसराईं खुशबू कुछ गुलाबों की मेरे होठों पे मुस्कुराई मानों दी किसी ने दस्तक
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मायका
घर से कोसों दूर ब्याह दी गई थी बूढ़ी हो गई थी अब पर कभी-कभार हवा के झोंके की तरह उसे याद आती थी पीहर के हर इंसान की
Read More »ज़ख़्म
देख सकते हो तुम मेरे बदन पर उसके शब्दों के दिए ज़ख़्म जो सिर्फ़ रिसते हैं रोते हैं, चीखते हैं पर उन्हें सहलाने वाला कोई नहीं।
Read More »एक अक्स
एक महकता सा ख़याल इक खुशनुमा सी याद ख़्वाबों में एक अक्स तुम्हीं तुम होते हो जब तुम नहीं होते आईने में मुख़ातिब तसवीरों में रूबरू
Read More »आपका और उनका दिन मैरिज एनवर्सरी
दाम्पत्य में सामंजस्य के लिए या कुछ कमियों को दूर करने के लिए संकल्प का दोहराव सुखद मोड़ लाता है। कुल मिलाकर अगर यूं माना जाए कि पति-पत्नी के बीच 'मैरिज एनवर्सरी' वाले रोज़ सिर्फ़ स्पर्श हो बातों का, यादों का।
Read More »एक कदम आगे
क्योंकि ये हमारी भावनाएं ही हैं जो अपनी सीमा को तोड़ती हैं, उल्लंघन करती हैं और शुरू कर देती हैं ऐसा खेल जहां उल्लंघन होता है नीतियों का,
Read More »हार
एक दिन उसके नन्हें बेटे अमित ने पूछ ही लिया, मां! जिनके पापा देश के लिए मर जाते हैं उन सब की मां, क्या दूसरों के घरों में बर्तन मांजती हैं?
Read More »कैसी-कैसी नैतिकता
प्रत्येक पीढ़ी कुछ परम्परागत मूल्यों को स्वीकार कर लेती है। किसी को व्यर्थ कह कर नकार देती है। वह अपने से पहली पीढ़ी को परम्परागत तथा दक़ियानूसी कह देती है और स्वयं को आधुनिक की श्रेणी में मानती है।
Read More »नींद की डाइटिंग
यदि तनाव हो या किसी बीमारी से उठी हों तो आपको भरपूर नींद चाहिए। ऐसे समय नींद कम करने वाला अभियान न चलाएं। नींद कम करने के अभियान में, थोड़ी चालबाज़ी भी करें यानी शनिवार और रविवार को आधा घंटा अधिक सो लें।
Read More »रिश्तों की पुकार
यूं तो इन्सान का सम्बन्ध बचपन से ही किसी दूसरे के साथ होता है। जन्म के समय मां के साथ, बचपन में भाई बहन व साथियों के साथ परन्तु असली समझ का सम्बन्ध बनता है, जब वह किशोर अवस्था में होता है।
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