स्मरण रहे कि साहित्य ही है जो विभिन्न प्रकार के रस उपलब्ध करा के मनोरंजन की दुनियां को समृद्ध बनता है। और हमें ज्ञान से परिपूर्ण बनाता हैैै।
Read More »Writers
एहसास
सौंप कर अपने दिल का टुकड़ा तुम्हें, मैं निश्चिन्त हो गई, पर कैसे? उग गये मेरे हदय पटल पर एक की जगह दो पौधे जिन्हें साथ-साथ बढ़ता, लहराता देखना चाहती।
Read More »स्वपन
गोद में नन्हें को लिये, मुस्करा रही थी, खुद ही खुद बतिया रही थी, मेरा राजा बेटा, मेरा राजकुमार मेरी आंखों का तारा
Read More »पोटली
बड़े नाज़ों से पाल पोस मैंने पकड़ा दी अपने प्राणों की डोर किसी अनजान पथिक को, देना चाहती हूं समस्त संसार की खुशियां
Read More »गांव मुझे पहचानता नहीं
बरसों बाद वहीं पगडंडी वहीं आंखें ढूंढ़ती जामुन, आम, पीपल, बड़ के वृक्षों की छाया कुएं से पानी लाती बन्तो चौपाल के बुज़ुर्ग
Read More »ज़िन्दगी की सांझ में
ज़िन्दगी की सांझ में इक राग छेड़कर मुझे चूल्हे के पास अपनी कंबली में बिठा लेना। छोटी-छोटी लकड़ियां मैं लगाती जाऊंगी
Read More »गहने पहनना उपयोगी या अनुपयोगी
गहनों से सुन्दरता नहीं बढ़ती सिर्फ़ अपनी अमीरी दर्शाने का तरीक़ा है। सुन्दरता तो प्रकृति प्रदत्त होती है। सुन्दरता को आभूषणों की ज़रूरत नहीं होती।
Read More »नारी का बोल्ड क़दम अपराधी के दांत खट्टे कर सकता है।
नारी मन्दिर, गुरुद्वारे या चर्च जाते वक़्त भी किसी की हवस का शिकार हो जाती है। स्कूल और कॉलेज के गेट से उठाई जाती है।
Read More »जो सुख छज्जू दे चौबारे न बलख न बुखारे
छज्जू राम यात्रा करने का बड़ा शौक़ीन था। उसने इस से पहले भी कई यात्राएं की थी। अब की बार उसने बलख और बुखारा देखने का मन बनाया था।
Read More »जनसंख्या विस्फोट
जिन की आबादी कम है वे देश खुशहाल हैं। भारत में जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए लहर जगानी चाहिये, लोगों को जागृत करना चाहिये।
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