Author Archives: admin

नई भोर

लेकिन अपनी मंज़िल पाने के लिए, आगे बढ़ने के लिए दूसरों के रास्ते नहीं रोकने हैं। जो अपनी मंज़िल को पा गए वो जाने जाएंगे। लेकिन उस मंज़िल को दिलाने में जिन्होंने क़ुर्बानी दी, पूजे वही जाएंगे। इतिहास वही कहलाएंगे।

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अपना घर

इक्कीसवीं सदी की दहलीज़ पर ठिठक गया विश्‍व पुरानी परम्पराओं के नूतन नाम सोच निकालने की कशमकश में जकड़ा हुआ लगता है। अपने घर से बाहर क़दम रख चुकी भारतीय नारी इन परम्पराओं को बदलने के भ्रम में जी रही है। बाहर की दुनिया में जूझने को निकली ये नारी अभी तक अपने घर के बारे में ही भ्रमित है। ...

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फ़िल्में समाज का दर्पण

फ़िल्में एक सशक्‍त सार्वजनिक माध्यम हैं मगर चूंकि व्यवसायिकता से जुड़ा है इसलिए इस के निर्माता-निर्देशकों पर आर्थिक हितों के लिए फ़िल्मों में अश्‍लीलता और नग्नता ठूंसने का आरोप निरन्तर लगता रहा है। इस बात से कोई असहमत नहीं हो सकता कि फ़िल्मों का समाज पर व्यापक प्रभाव है। फ़िल्मी सितारों की अपार की लोकप्रियता इस बात का प्रमाण भी ...

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शरत की कहानी पर फ़िल्में

                                                                                                                                                                                         -विद्युत प्रकाश मौर्य महान् उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय फ़िल्मकारों की हमेशा अच्छी पसंद में रहे हैं। विधु विनोद चोपड़ा उनके लोकप्रिय उपन्यास परिणिता पर इसी नाम से फ़िल्म लेकर आए। हालांकि परिणिता पर इससे पहले अलग-अलग नाम से दो फ़िल्में ...

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इतनों में से उठे दो शूरवीर

फ़िल्म जगत के इतिहास में मुझे वह दो शूरवीर मिले हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत की है, लगातार लड़े हैं और विजयी होकर सामने आए हैं। इन दोनों शूरवीरों की कहानी- परी कहानी की भूमिका जैसी है।

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सौंदर्य प्रसाधन और विज्ञापनों का मायाजाल

        एक बार किसी अमेरिकी से पूछा गया कि आप सौंदर्य किसे कहेंगे तो तुरंत जवाब मिला कि सौंदर्य वह चीज़ है जिस पर केवल अमेरिकी कंपनियां करोड़ों डॉलर की पूंजी लगा कर व्यवसाय कर रही हैं और प्रत्येक वर्ष लाखों डॉलर का व्यापार करती हैं। हमारी पुरानी मान्यताओं को इससे गहरा सदमा पहुंचेगा क्योंकि हमारे कवियों ...

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ये हुस्न ये अदाएं

कहते हैं इस दुनिया को औरत खूबसूरत बनाती है। औरत के होने से ही इस दुनिया में स्वर्ग का अहसास होता है और औरत को खूबसूरत बनाती हैं, उसकी अदाएं। उसका इतराना, उसका शर्माना उसकी अदा है। शुरू से ही वो अपनी अदाओं से मर्दों को घायल करती आई है। उसकी नज़ाकत ने बड़े-बड़े वीर पुरुषों के दिलों को पसीजा ...

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विज्ञापन और नारी

   -पवन चौहान औद्योगिक क्रांति के कारण जैसे-जैसे एक ही वस्तु के विभिन्न रूपों का उत्पादन होने लगा और उपभोग के लिए नई-नई वस्तुएं पैदा की जाने लगीं वैसे-वैसे विज्ञापन का महत्त्व बढ़ता चला गया। उत्पादक के लिए यह ज़रूरी हो गया कि वह अपनी वस्तुओं की जानकारी उपभोगताओं तक पहुंचाए। इसका एकमात्र माध्यम विज्ञापन ही था। आरम्भ में विज्ञापन ...

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