पंजाब सारे भारत के प्रान्तों में सर्वोपरि था। इसके बाग़-बग़ीचों में बहारें थी। फल और सब्ज़ियों का भण्डार था। पंजाब की मिट्टी उपजाऊ होने के कारण यह भारत का सरताज कहलाता था।
Read More »धर्म एवं संस्कृति
क्या धर्म स्थलों में भगवान विराजमान है?
आस्था रीति-रिवाज़ों और पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक ही लकीर को पीटती है। आस्था में नवीनता या समय की उपयोगिता को अस्वीकार किया जाता है।
Read More »औद्योगिक नगर अमृतसर एक दर्शनीय पवित्र स्थान
गोल्डन टेम्पल एक विशाल परिसर है जिसमें दर्शनी ड्योढ़ी, अमृत सरोवर, अकाल तख़्त, सेंट्रल सिख म्यूज़ियम स्थित है।
Read More »पंजाब की सांस्कृतिक विरासत
पंजाब के लोगों की क्रान्ति की वजह से ही .... भगत सिंह, सराभा, डोगरा, लाला लाजपत राय की देन से ही, आज़ादी का बीजारोपण हुआ है।
Read More »ज़िन्दगी क्या है?
इस ब्राह्मांड में तीन लोक हैं, पृथ्वी लोक, जिस पर हम रह रहे हैं। स्वर्ग लोक, देव लोक, पाताल लोक। इन के परमात्मा ने अलग-अलग स्वामी नियत किये हैं।
Read More »मज़ेे लूटो बरसात के
इन राड़ों को चित्रते हुए लड़कियां गीत भी गाती हैं- उड़ मर, कूंजड़ीए अड़ीए नी सौण आया। उत्तर में भी अपने आप ही गाती हैं - किवें उड़ां नी मड़ीए देस पराया।
Read More »होली
श्री कृष्ण राधा जी से हार मान लेते हैं, इसके बाद उनका मधुर मिलन होता है। इसी आख्यान की कड़ी है लट्ठमार होली!
Read More »मत हो ए दिल उदास
ग़ुुस्से में उठाया गया हर क़दम अधिकतर ग़लत ही साबित होता है। वो कहते है न ‘एक ग़लत क़दम उठा था राहे शौक़ में, मंज़िल तमाम उम्र हमें ढूंढती रही।’
Read More »दशहरे पर करें भीतर के रावण का दहन
ऐसा लगता है कि हम जितना ऊंचा पुतला रावण का जलाते हैं, उससे कहीं ऊंचा रावण हमारे मन के भीतर खड़ा हो जाता है।
Read More »रावण खुश हुआ मित्र
‘बस एक ही! देश की तरह रावण बनाने वाले भी जल्दी में थे क्या? आग लगे ऐसी जल्दी को जो, नाश का सत्यानाश करके रख दें।’ ‘महाशय आप तो दशानन थे न? फिर अब के.....’
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